Wednesday, 7 December 2011

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

सरकार को अचानक धार्मिक भावनाओं की चिंता क्यों सताने लगी है? स्वयं के पाठ्यक्रमों में अनेक आपत्तिजनक बातें सम्मिलित हैं , उनका ध्यान दिलाने वालों को दकियानूसी घोषित करती है! देवी के नग्न चित्रों में इन्हें कला के दर्शन हो रहे थे , विरोध करने पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में लग रही थी . आज क्या संकट आ गया है? इनकी मंशा में खोट दिखाई देता है, आतंकवादियों, कालाधनवालों से इनको कोई शिकायत नहीं, बस इनके विरुद्ध कुछ मत बोलो, और सब कुछ ठीक है!

No comments:

Post a Comment